बगत रै बायरै रा रंग देख’र पूगै ठूंठ इतिहास मांय। बगत रै बायरै रा रंग दीसै नीं- ठूंठ मांय दीसै- कूंपळ मांय। ठूंठ रच्यो एक इतिहास फेरूं रचै इतिहास! बो रो बो सागी इतिहास!! अबै इतिहास खातर एक लोककथा है- कूंपळ सूं ठूंठ री जातरा।