पैली कैंवता
कै दुख बांटण स्यूं
आधौ
अर सुख बांटण स्यूं
दूणौ हुज्यावै
पण अबै
दुख बांटण स्यूं
दूणौ
अर सुख बांटण स्यूं
आधौ रैह्ज्यावै
टैम बदळग्यौ
लोग बदळग्या
लोगां रौ सोच बदळग्यौ।
पैली कैंवता
कै दुख बांटण स्यूं
आधौ
अर सुख बांटण स्यूं
दूणौ हुज्यावै
पण अबै
दुख बांटण स्यूं
दूणौ
अर सुख बांटण स्यूं
आधौ रैह्ज्यावै
टैम बदळग्यौ
लोग बदळग्या
लोगां रौ सोच बदळग्यौ।