सपने में आज रात को
देखा मैंने ज़बर्दस्त तूफ़ान ।
मचान को जकड़ लिया उसने
बकसुओं को उखाड़ फेंका उसने
जो लोहे का था, गिर पड़ा ।
लेकिन जो कुछ लकड़ी का था
झुक गया और रह गया ।
1953
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य
सपने में आज रात को
देखा मैंने ज़बर्दस्त तूफ़ान ।
मचान को जकड़ लिया उसने
बकसुओं को उखाड़ फेंका उसने
जो लोहे का था, गिर पड़ा ।
लेकिन जो कुछ लकड़ी का था
झुक गया और रह गया ।
1953
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य