पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
लौंदड़ बड़ी हटेलू
या चम्फा घाट घटेलू
या लौंदड़ बड़ी रे हटेलू।।
या चम्फा करत नहाय रे
या लौंदड़ बधत नहाय रे।।
हमरा भैया का आँगन
इमली को झाड़
वा ते करना दारी
चहेंगी छेण्डा डार
ओ ओ घंगरा ते ज्यू
अटक्यों बीचऽ डार
दारी का जीवन का जोबनऽ
हो गया चिन्धा चार
ओ का घर को सैय्या
गयो बनवास
दारी का पोर्यापारी
हो गया दानो दानऽ