वंदन हे शारदा नमन करूं । विधि सहित अर्पे अचल, विमल सुमति को हृदय मल सदा हरण कर ।। वंदन हे....। वसन सितोत्तम सुधवल कमले, तू शोभति जगमाता । रसिक मधुर जन हृदय वीणा, सुवादन करत । वंदन हे शारदा....।