... और वह वृक्ष जड़ दिया गया
दीवारों में और छत में।
वह, जो करता रहा अंशदान
अपने अंगों का-
एक वंशवृक्ष के
अनेकानेक संसकारों में।
किसी पूर्वज ने
सम्भवत:
उगाया था उसे
और पूजा था उसे,
अनुवंशज
लेते रहे स्वाद
उसके फलों का।
आज
नई पीढ़ी ने
काट डाला उस वृक्ष को
पुराने मकान की
मुरम्मत के लिए।
फिर भी वृक्ष वह
आनन्दित था
उस परिवार में
समा जाने पर।