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वक़्त उन का दुश्मन है / अफ़ज़ाल अहमद सय्यद

वो किसी गैलिलियो का इंतिज़ार नहीं कर रहे हैं
एक बड़ी घड़ी तय्यार करने के लिए
जिसे शहर की एक याद-गारी दीवार में नस्ब किया जा सके

इस ख़ला में
हमारी तारीख़ की अक्कासी के अलावा
ख़्वातीन के आलमी दिन पर
झूला डाल सकता है

चीनी ताएफ़ा
बाँस से उछल कर इस में से गुज़र सकता है
इस में
एक लाश को मुख़्तसर कर के लटकाया जा सकता है

इस मोहन जोदड़ों की ईंटों से
चुना जा सकता है