दिल को जो अच्छा लगे कर जाइए
बाद में क्यों हाथ मल पछताइये
यूँ तो फैला है समंदर ख्वाहिशों का
हर लहर में दिल को मत उलझाइए
हर एक शै का अपना-अपना है वजूद
उसको तो पहचानिए चमकाइये
पहले जलने दीजिए अपना चिराग
हर तरफ़ फिर रोशनी फैलाइये
दिल को जो अच्छा लगे कर जाइए
बाद में क्यों हाथ मल पछताइये
यूँ तो फैला है समंदर ख्वाहिशों का
हर लहर में दिल को मत उलझाइए
हर एक शै का अपना-अपना है वजूद
उसको तो पहचानिए चमकाइये
पहले जलने दीजिए अपना चिराग
हर तरफ़ फिर रोशनी फैलाइये