Last modified on 14 जुलाई 2014, at 23:11

वर्षा / कमला दास

हम लोगों ने
उस पुराने घर को छोड़ दिया
जब मेरा कुत्ता वहाँ मर गया,

उसे दफ़नाने के बाद,
दो-दो बार खिले गुलाब को,
जल्दी में जड़ों से उखाड़कर
अपनी क़िताबों, कपड़ों और कुर्सियों के साथ
लादने के बाद,
हम एक नए घर में रहते हैं अब,

और,इसकी छत नहीं रिसती, लेकिन
जब बारिश होती है यहाँ, मैं देखती हूँ बारिश
भिगोती है
वह खाली घर,

मैं सुनती हूँ इसका बरसना
जहाँ अब मेरा पप्पी सोया है
अकेला...