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वर्षा / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा

ओहो ! घार्घार् घार्घार्
झरझर ओ झार्झार्
झिलिल्लिल्लि झिल
सिल सिल मिलिमिल मिल !

ओहो ह्वार्ह्वार् ह्वार्ह्वार्
झं झं झं झं झार्
सिरसिर सिरसिर स्वाँर्
ओहो घार्घार् घार्घार्
झिलिझिल्ली झील ।
सिलसिल भिल भिल भिल ।

चुलपुल चुलपुल चुलपुल
दर्दर दर्दर दर दर दर
सिरविर सिरविर स्वाँर !
ओहो घार्घार् घार्घार्
झिलिलिल्लि झिल !
सिलसिल मिलमिल मिल !