वर्षा आई / श्याम सुन्दर अग्रवाल

काले-काले बादल आए,
छाई घटा घनघोर।
चमक-चमक के बिजली गरजी,
खूब मचाया शोर।

लगी चहकने चिड़िया रानी,
नाची खूब गिलहरी।
बच्चों ने इतना शोर मचाया,
दादी हो गई बहरी।

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