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वसंत : राजस्थानी शैली / अज्ञेय
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सरसों फूली पीली लीकें
हरियाली में।
अरे! मोड़ पर
यह मानो वसन्त की लाली
उमँग चली जाती है।
फ़रवरी, 1980