जिसे पता ही नहीं कि उसे बेच दिया गया है,
और एक दिन राह चलते अचानक ही उसे किसी ग़ैर से पता चले
कि उसे बेच दिया गया है ।
तो आज नहीं तो कल,
वह अपना हिसाब माँगेगा ही ।
पानी अपना हिसाब मागेगा एक दिन ।
लौट कर आएगा पूरे वेग से,
वापस माँगने अपनी ज़मीन ।