वह कौन है
जो तुम्हारे टोले से जब न तब
उठा ले जाता है जवान मुर्गियां , अंडे , बकरियां
तुम्हारे खूंटे से दिन दहाडे खोल ले जाता है
नयी नयी ब्याई गइया
कौन तुम्हारे घरों में घुस जाता है
वक्त बेवक्त
और कोहराम मचा देता है
इन खेतों में
जो मार फसलें उगती हैं
तुम्हारे पसीने से सींचकर
उन्हें कौन अपने गोदामों में ताला मार देता है
तुम्हारा चूल्हा क्यों नहीे जलता दोनो बेर
तुम्हारे बच्चों को स्लेट की जगह
कौन पकडा देता है हंसिया
तुम्हारी किशोरी बच्चियों को
तुम्हारे सामने से कौन खींच ले जाता है
तुम्हारी औरतें अपने पेट और गोद में किसका बच्चा पालती हैं
वह कौन है
जो तुम्हें पहुंचने नहीं देता मतदान केन्द्र तक
जो तुम्हारे उपजाये अन्न के जोर पर
तुम्हीं पर ऐंठता है रोब
तुम्हारे ही बनाये लोहे से तुम्हें डराता है
आखिर वह कौन है
जिसने खेत खलिहान , फैक्ट्री गोदाम
थाने से लेकर संसद तक हथिया रखा है
और तुम्हारे ही विरूद्ध तुम्हारा इस्तेमाल कर रखा है
उसे तुम जानते तो हो
फिर बोलते क्यों नहीं
बोलो आखिर कब बोलोगे
वह है कौन
कौन है वह