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वह क्या करे / नंदकिशोर आचार्य

अब कोई जबर्दस्ती है-
प्यार करता हूँ गर
तुमको
कविताएँ लिखूँ ही तुम पर!
अच्छा, बाबा
यह लिखता हूँ, लो

अब वह क्या करे भला
कविता जो लिख नहीं सकता
प्यार करता है पर
भरपूर।