खिलाता है हरे पल्लव
सूखे पत्तों को लेकिन
गला देता है—
प्यार है, मृत्यु भी है जल
किसी के लिए
पत्ता वह क्या करे लेकिन
जो जल की कामना में
सूख जाता है ।
—
16 अप्रैल, 2009
खिलाता है हरे पल्लव
सूखे पत्तों को लेकिन
गला देता है—
प्यार है, मृत्यु भी है जल
किसी के लिए
पत्ता वह क्या करे लेकिन
जो जल की कामना में
सूख जाता है ।
—
16 अप्रैल, 2009