वह हृदय नहीं
जिसमें प्रियतम की चाह नहीं!
वह प्रणय नहीं
जिसमें विरहानल दाह नहीं!
वह दिवस नहीं
यदि अविरत सुरा प्रवाह नहीं!
वह वयस नहीं
जो बाला के गल बाँह नहीं!
वह हृदय नहीं
जिसमें प्रियतम की चाह नहीं!
वह प्रणय नहीं
जिसमें विरहानल दाह नहीं!
वह दिवस नहीं
यदि अविरत सुरा प्रवाह नहीं!
वह वयस नहीं
जो बाला के गल बाँह नहीं!