Last modified on 28 नवम्बर 2008, at 22:48

वाक़ई गधे हो / शैल चतुर्वेदी

एक गधा
दूसरे गधे से मिला
तो बोला- "कहो यार कैसे हो?"
दूसरा बोला- "तुम वाकई गधे हो
एक साल होने को आया
एक ही जगह बंधे हो
डाक्टरों ने दल बदले
मगर तुमने
खूंटा तक नहीं बदला।"
तभी बोल उठा पहला-
"सामने वाले बंगले में
दो नेता रहते हैं
रोज़ आपस में लड़ते हैं
एक कहता है तुमसे गधा अच्छा
दूसरा कहता है गधे का बच्चा
और मैं यह जानना चाहता हूँ
कि वो कौन-सा नेता नेता है जो मेरा बेटा है।