जुम्मन के चाचा
सनीमा गए,
चाची से छुपकर
वाह! भई वाह!
लाइन में लगकर
टिकट खरीदा,
मलमल के कुर्ते का
बना मलीदा,
तोंद हुई पंचर
वाह! भई वाह!
फिलम लगी थी
‘नये सबेरा’
हॉल में देखा जो
घुप्प अँधेरा,
भाग आए डरकर,
वाह! भई वाह!
जुम्मन के चाचा
सनीमा गए,
चाची से छुपकर
वाह! भई वाह!
लाइन में लगकर
टिकट खरीदा,
मलमल के कुर्ते का
बना मलीदा,
तोंद हुई पंचर
वाह! भई वाह!
फिलम लगी थी
‘नये सबेरा’
हॉल में देखा जो
घुप्प अँधेरा,
भाग आए डरकर,
वाह! भई वाह!