पेड़ की डालें फैलती जाती हैं चारों ओर 
डंठल और पत्तियों से बनाती घनी छतरी 
धीरे-धीरे चिड़ियां भी आती हैं
और बना लेती हैं डालियों से लटकते घोंसले 
फिर आती हैं लताएं पास जंगल से रेंगती हुई 
लिपट जाती हैं ऊपर से नीचे तने के साथ 
ऋतु आने पर महक आती है
फूलों की डोली में बैठी 
कीट आते हैं पतंगे आते हैं 
रंग आता है और आते हैं खट्टे-मीठे स्वाद 
पीछे-पीछे आता है मनुष्य
और उस जगह विकास शुरू करने की घोषणा करता है