तलवारें
हक़ छीनती भी हैं
और हक़ दिलाती भी हैं,
फर्क सिर्फ
उन्हें पकड़ने वाले हाथों का होता है,
विचार भी शायद होते हैं
तलवारों की तरह।
तलवारें
हक़ छीनती भी हैं
और हक़ दिलाती भी हैं,
फर्क सिर्फ
उन्हें पकड़ने वाले हाथों का होता है,
विचार भी शायद होते हैं
तलवारों की तरह।