अपनी अनुपस्थिति के सामान के साथ मेरी माँ अनेक शिकायतों के बीच
पत्थरों वाले शांत पड़ोस से बहुत दूर है
जब कि समंदर उसको अपनी चमक में पकड़े
और गोरैया एवन्यु में पिट्सपोरम के दरख्तों पर मंडरायें
वहाँ दुस्वप्न के सिद्धांत और संदेह है
जब रातें उड़तीं हैं परछाइयों के बीच
भोर की समतल जमीन की राह में