विद्यारम्भ वाले दिन
पंडित जी ने मुझे पढ़ाया-
अ से अनार आ से आम
तीस वर्ष बीत जाने पर भी नहीं जान सका
इन दोनों फलों का स्वाद
मेरा बच्चा इन्हीं फलों के रटते हुए नाम
आज लौटा है घर
सोचता हूँ बार-बार
कब खत्म होगी मेरे देश में
फलों को रटने की परम्परा
कब विद्यारम्भ पर बच्चे पढ़ेंगे
अ से अम्मा अ से अनाज
आ से आटा आ से आग।