पढ़ियो विद्या बाल तुम मन चित दे धर ध्यान।
मिलि है पदवी धर्म धन दिन दिन बाढ़ै ज्ञान।।
दिन दिन बाढै़ ज्ञान मान्य यश जग में होवै।
नहीं पढै़ जो बाल शठ सब धन अपना खोवै।।
कहैं रहमान सीख यह नीकी निशिदिन उर में धरियो।
रहियो सुखी सर्वदा जग में दुख उठाय कर पढ़ियो।।