नया पृष्ठ: नील नीर शुचि गंभीर नर्मदा की धारा। धीर धीर बहे समीर हरती दुःख सार…
नया पृष्ठ: दैया रे दैया सुनो रे भैया कैसा कामाल हो गया लाजबाब हर सवाल हो गया…
नया पृष्ठ: आया विकट ट्रांसफरी मौसम और शुरू छलछन्द हो गया काम काज सब बन्द हो …
नया पृष्ठ: एक दूजे के अंग लगें तो होली है सबको लेकर संग चलें तो होली है बच्चे…
नया पृष्ठ: जिन्दगी तोरे बिन रीती रीती पिया कैसे कैसे के एक साल बीती पिया।। …
नया पृष्ठ: रैना बीत जाये बिजली न आये रैना बीत जाये बाहर अँधेरा भीतर अँधेरा …
नया पृष्ठ: गलत है आपका यूं हमको निकम्मा कहना ये क्या कम काम है अपनी जगह बने र…
नया पृष्ठ: कुछ बड़े तो मात्र दिखने के बड़े हैं पराये कन्धों पे जो अकड़े खड़े…
नया पृष्ठ: राजकीय प्रबन्ध शक के दायरे में समूचे अनुबन्ध शक के दायरे में राम…
नया पृष्ठ: प्यारी प्यारी सासु हमारी प्रियतम की महतारी ।।प्यारी,,,,,,,, प्राणन…
नया पृष्ठ: राम जाने क्यों हुआ दुःस्वप्न दर्शन गीदड़ों के सामने हरि का समर्…
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नया पृष्ठ: तुम्हीं मिटाओ मेरी उलझन कैसे कहूँ कि तुम कैसी हो कोई नहीं सृष्टि…
नया पृष्ठ: उठो लाल अब आंखें खोलो अपनी बदहालत पर रोलो पानी तो उपलब्ध नहीं है …
नया पृष्ठ: युगों युगों से रहा निरन्तर जिसका लक्ष्य महान सत्य न्याय के पथ पर …
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नया पृष्ठ: रे मन वसतु होशंगाबादे। समय-विशिष्टं न तु कुरू नष्टं, व्यर्थे वाद-…
नया पृष्ठ: ॐ जय संस्कृत मातः देवि! जय संस्कृत मातः नित्यं वयं भजामः त्वां सा…
नया पृष्ठ: रजनी व्यतीता भवने सभीता .। एकाकिनी गृहे गहनान्धकारे मग्नाहमास…
नया पृष्ठ: गच्छसि कुत्र अरी गजगामिनि । हँससि किमर्थं त्वं माम दृष्ट्वा , ति…
नया पृष्ठ: हे कृष्ण माधव मुरारे राधा सखे हे हरे ! आगच्छ मामुद्धराऽहं मग्नोस…
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नया पृष्ठ: ॐ जय संस्कृत मातः देवि! जय संस्कृत मातः नित्यं वयं भजामः त्वां सा…
नया पृष्ठ: प्रेषितं न किञ्चित् सन्देशम् हा गतः प्रियतमः विदेशम्।। खण्डि…
नया पृष्ठ: रजनी व्यतीता भवने सभीता .। एकाकिनी गृहे गहनान्धकारे मग्नाहमा…
नया पृष्ठ: आगच्छन्तु नर्मदा तीरे। कलकल कलिलं प्रवहति सलिलं कुरु आचमनं सुध…
नया पृष्ठ: गच्छसि कुत्र अरी गजगामिनि । हँससि किमर्थं त्वं माम दृष्ट्वा , ति…
नया पृष्ठ: हे कृष्ण माधव मुरारे राधा सखे हे हरे ! आगच्छ मामुद्धराऽहं मग्नोस…
नया पृष्ठ: जयतु मध्यप्रदेशः बुन्देलं च बघेलखण्डं निमाणं मालवादिनाम्। पव…
नया पृष्ठ: जीवन दुःख से भार न होता काश हृदय में प्यार न होता प्यार बिना मन क…
नया पृष्ठ: कितनी दफा मिले हैं इस गुलमोहर के नीचे यादों कर सिलसिले हैं इस गुल…
नया पृष्ठ: रे मन वसतु होशंगाबादे। समय-विशिष्टं न तु कुरू नष्टं, व्यर्थे वाद-…
नया पृष्ठ: सतपुड़ा के महा जंगल थे कभी गए कहाँ जंगल घटे जंगल कटे जंगल माफ़ियो…
नया पृष्ठ: अपमानित सर्वदा क: देवता? पति देवता। पत्नी समक्षे अहर्निशं पतति …
नया पृष्ठ: परम पुनीत पुण्यभूमि भारती उठो युवाओं माँ तुम्हें पुकारती। सत्…
नया पृष्ठ: गणपति बब्बा अइयो ऋ़द्धि सिद्धि लइयो। इते परो बुद्धि को टोटा सद्…
नया पृष्ठ: जाग हे कवि प्रेम की जग में जगा दे प्यास कविता बन रही उपहास दूर रव…
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नया पृष्ठ: जब ग्रीष्म ॠतु गई और वर्षा ॠतु आई तब हम बिल्कुल फालतू थे इसलिये ए…
नया पृष्ठ: मत बिफर नर्मदा मैया अब उतर नर्मदा मैया । ये तेरे विकराल रूप से मच …
नया पृष्ठ: भारत की भूमि न्यारी स्वर्ग से भी ज्यादा प्यारी देवता भी जन्म लेन…
नया पृष्ठ: सखि! आये दिन गर्मी तपास के फूल खिले अमलताश के ।। कैसो मौसम हो गयो …