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नया पृष्ठ: '''...प्रेम के तिनकों से गुंथे घर ...''' कितनी असभ्य होती जा रही है सभ्य…
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नया पृष्ठ: <poem> ...मजबूर हुआ करता है... पत्थर पर तो हर मौसम बेअसर हुआ करता है दर्द …
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