• गृह
  • बेतरतीब
  • ध्यानसूची
  • सेटिंग्स
  • लॉग इन करें
  • कविता कोश के बारे में
  • अस्वीकरण

पृष्ठ इतिहास

हरि, पतित पावन सुने / भजन

13 नवम्बर 2009

  • Pratishtha

    नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKBhajan |रचनाकार= }} <poem>मैं हरि, पतित पावन सुने । मैं पतित, तुम पतित-प…

    00:43

    +592

  • Kavita Kosh

    • मोबाइल‌
    • डेस्कटॉप
  • गोपनीयता