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मेरी प्रिय कविता / नामदेव ढसाल

131 bytes added, 18:06, 9 दिसम्बर 2010
मैं लाँघना चाहता हूँ
अपना पुराना क्षितिज ।
 
'''मूल मराठी से सूर्यनारायण रणसुभे द्वारा अनूदित'''
</poem>
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