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|रचनाकार=प्रदीप मिश्र
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वायरस
उनकी कोई जाति नहीं होती
किसी राष्ट्र के नागरिक भी नहीं होते हैं वे
पिता की तरह उंगलियों को थाम लेते हैं
माँ की तरह बहते हैं
दिल से दिमाग तक
इन खतरनाक वायरसों की चर्चा
पूरी दुनिया में है
इनकी पहचान के सारे सूत्र