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ये मेघ साहसिक सैलानी / अज्ञेय
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14:09, 4 जून 2007
दो प्राणों का सलज्ज मर्मर <br>
औत्सुक्य-सजल पर शील-नम्र <br>
इन नभ के प्रहरी तारों से!
<br>
<br>
ओ कह देते तो कह देते <br>
Anonymous user
अमित