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वैदिक संध्या / मृदुल कीर्ति
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13:45, 21 दिसम्बर 2010
'''ॐ'''
'''निर्वाण षडकम'''
'''श्री आदि शंकराचार्य द्वारा विरचित'''
<span class="upnishad_mantra">
ओ३म् शन्नो देवीरभिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये।
Pratishtha
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