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नज़रे-कालिज / साहिर लुधियानवी
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15:16, 30 दिसम्बर 2010
लेकिन हम इन फ़ज़ाओं के पाले हुए तो हैं
गर यां नहीं तो यां से निकाले हुए तो हैं !
लुधियाना गवर्नमेंट कॉलेज 1943
</poem>
Singhpratapus
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