गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
प्यार की पीर को समझता हूँ / कुमार अनिल
195 bytes added
,
09:38, 31 दिसम्बर 2010
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कुमार अनिल
|संग्रह=और कब तक चुप रहें / कुमार अनिल
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>प्यार की पीर को समझता हूँ
जुर्मो ताजीर को समझता हूँ
Shrddha
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits