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18:15, 6 जनवरी 2011 {{KKGlobal}}
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| रचनाकार=सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
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<poem>
तुम्हारे शहर में मशहूर नाम किसका था
मेरा नहीं था तो फिर एहतराम किसका था
न पूछ मुझसे ये बेहतर है मयकशों से पूछ
सुराही किसकी थी महफ़िल में जाम किसका था
बता सको तो बताओ ये क़ाफ़िले वालो
कि तुमसे पहले यहाँ पर क़याम किसका था
रहे हयात से किसने हटा दिया पत्थर
मुझे ख़बर नहीं ये नेक काम किसका था
तमाम गोपियाँ करती थीं प्यार नटखट से
जो राधिका का नहीं था तो श्याम किसका था
वो कल जो बज़्मे-सुख़न में सुनाया था तू ने
बहुत हसीन था लेकिन क़लाम किसका था
हबीब मेरे ज़रा सोचकर बता मुझको
'रक़ीब' को जो मिला है मक़ाम किसका था
</poem>