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मेरे नगपति! मेरे विशाल! / रामधारी सिंह "दिनकर"
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13:25, 14 जनवरी 2011
रे, रोक युधिष्ठिर को न यहाँ,
जाने दे उनको स्वर्ग धीर,
पर,
फिर
फिरा
हमें गाण्डीव-गदा,
लौटा दे अर्जुन-भीम वीर।
कह दे शंकर से, आज करें
डा० जगदीश व्योम
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