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उदास चारपाइयाँ / रतन सिंह ढिल्लों
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08:32, 17 जनवरी 2011
बहुत उदास हैं
इन पर बैठने वालों ने
घर के मंजों पर<ref>पलंगों पर</ref> ही
कब्जा
कब्ज़ा
कर लिया है ।
'''मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला'''
</poem>
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अनिल जनविजय
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