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भ्रूण हत्या / उदयप्रताप सिंह
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06:50, 22 जनवरी 2011
चाँद सितारे छूकर घर में दासी जैसी है,
वो कबीर
कि
की
मछली जल में प्यासी जैसी है
कर सकता है इस सच्चाई से कोई इंकार?
Bharat wasi
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