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ऊँचाई / अटल बिहारी वाजपेयी
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11:41, 28 जनवरी 2011
:::जो, कफ़न की तरह सफ़ेद और,
:::मौत की तरह ठंडी होती है।
:::खेलती,
खिल-खिलाती
खिलखिलाती
नदी,
:::जिसका रूप धारण कर,
:::अपने भाग्य पर बूंद-बूंद रोती है।
Dr. Manoj Srivastav
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