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जुही की कली / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
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19:03, 28 अप्रैल 2008
निर्दय उस नायक ने <br>
निपट निठुराई की<br>
कि झोंकों की
झाड़ियों
झड़ियों
से<br>
सुन्दर सुकुमार देह सारी झकझोर डाली,<br>
मसल दिये गोरे कपोल गोल;<br>
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
,
प्रबंधक
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