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अपनी तस्वीर / मंगलेश डबराल
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,
12:02, 11 जून 2007
जिसमें थोड़ा-सा साहस झलकता है
और
ग़्रीबी
ग़रीबी
ढँकी हुई दिखाई देती है
उजाले में खिंची इस तस्वीर के पीछे
जिसे मैं बार-बार खिंचवाता हूँ
एअक
एक
बेहतर तस्वीर खिंचने की
निरर्थक-सी उम्मीद में
(
१९
1990-1993)
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Lina niaj