Changes

पुनर्रचनाएँ / मंगलेश डबराल

8 bytes removed, 17:23, 29 दिसम्बर 2007
{{KKGlobal}}
{{KKRachna|रचनाकार: [[=मंगलेश डबराल]][[Category:कविताएँ]][[Category:|संग्रह=हम जो देखते हैं / मंगलेश डबराल]]}}
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
ताकि नींद के लिए
अँधेरे अंधेरे की कामना न करनी पड़े
प्रेम होगा तो चुप होंगे शब्द
प्रेम होगा तो हम शब्दों को छोड़ आएँगेआएंगे
रास्ते में पेड़ के नीचे
नदी में बहा देंगे
पहाड़ पर रख आएँगे आएंगे
आँधी आंधी में लगातार आते हैं
तिनके
जब बर्फ़ पिघलना पिघलनी शुरू होगी
जंगल में
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,376
edits