'''यश मालवीय के गीत '''
'''कोई चिनगारी तो उछले '''
अपने भीतर आग भरो कुछ
अर्थों से बच कर क्यों निकले ?
'''गाँव से घर निकलना है '''
कुछ न होगा तैश से
दिन- रात पत्थर से ।
'''फूल हैं हम हाशियों के '''
चित्र हमने हैं उकेरे
'''ऐसी हवा चले '''
काश तुम्हारी टोपी उछले
ऐसी हवा चले ।
'''उजियारे के कतरे '''
लोग कि अपने सिमटेपन में
अपने ख़तरे हैं ।
'''परिचय '''
जन्म- 18 जुलाई 1962 (कानपुर)