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लग जा गले / राजा मेंहदी अली खान
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17:29, 18 फ़रवरी 2011
हमको मिली हैं आज ये घड़ियाँ नसीब से
जी भर के देख
लीजिये
लीजिए
हमको
करीब
क़रीब
से
फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो |
बाँहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार
आँखों से फिर ये प्यार की बरसात हो न हो |
'''फ़िल्म : वो कौन थी (1964)
</poem>
अनिल जनविजय
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