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कविता / नीरज दइया

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[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita‎}}<poem>लखदाद है बां नैजिका झट देणीघड़ काढै- कविता । लखदाद है बां नैजिका झट देणीलिख काढै- कविता । लखदाद है बां नैजिका झट देणीबणा'र बगा देवै- कविता । लखदाद है बां नैजिका झट देणीनक्की हुवै- कविता सूं । रामजी !माफ करजो म्हनैकविता म्हारै सारूऐड़ी-वैड़ी बात नीं है । क्यूं कै म्हैंकसमसीजतो-कसमसीजतो सीझ परोफगत लिखूं कीं ओळ्यांअर मुगती पाऊंउमर री पीड़ सूंकाढूं कांटा डील सूंअर उण पीड़ पाछलैसुख नै जद जद भोगूंलोग कैवै-लिखी है कविता ।</poem>
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