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धन्य धन्य जदुवंश - मनि, दीनन पै अनुकूल।
धन्य सुदामा सहित तिय, कहि बरसहिं सुर फूल।।120।।
 
समाप्त ( संकलन अशोक कुमार शुक्ला )
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