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तू जब से अल्लादिन हुआ / गौतम राजरिशी
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08:58, 27 फ़रवरी 2011
आया है वो कुछ इस तरह
महफ़िल का ढब कमसिन हुआ
{त्रैमासिक अभिनव प्रयास, जुलाई-सितम्बर 2009}
</poem>
Gautam rajrishi
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