यह संकलन जिसमें कवि की 160 छोटे गीत संकलित हैं।
यह कवि की अंतिम रचना के रूप में लिया जाता है। मानी जाती है । यह काव्य -कृति एक प्रकार से कवि के असफल प्रेम की गाथा है। किसी संभ्रांत सँभ्राँत कुल की कन्या से जिसे वे प्रेम करते थे कवि विवाह बंधन में नहीं बंध सका और असफल प्रेमी बनकर रह गया था। उनके प्रेम की अतृप्त अभिलाषा उनकेे उनके गीतों में मुखरित हो उठी है।उन्होंने है । उन्होंने समर्पण में लिखा हैः- ‘दुःख के अकेले और अन्धकारपूर्ण दिनों में जब कि सब िमत्रों मित्रों ने मुझे छोड दिया था उस समय भी जिसका अडिग प्रेम, आशा का दीप बन कर मेरे सिरहान सिरहाने दिपता रहा, मुझे प्रकाश देता रहा, प्राणें से भी प्रिय उसी मित्र को गीत माधवी ‘हृदय गीत’ औ ‘मेध नंदिनी’ की यह तुक्ष्छ तुच्छ भेंट सप्रेम अर्पित है। ’ है।’ (अशोक कुमार शुक्ला द्वारा संकलित)
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