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तोल अपने को तोल / जमील मज़हरी
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,
07:08, 1 मार्च 2011
तोल अपने को तोल,
यह गेसू, यह
बिकरे
बिखरे
गेसू, नाग हैं, काले नाग
इन तिरछी-तिरछी नज़रों को लाग है, तुझसे लाग
रूप की इस सुंदर नगरी से, भाग रे शाइर भाग
अनिल जनविजय
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