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::::[३]
::रास की मुरली उठी पुकार।
 
उठ उस में कोमल हिल्लोल
मोहिनी मुरली का सुन नाद,
::छोड़ दौड़ो सब साज-सिंगार,
::रास की मुरली उठी पुकार।
 
 
अरी भोली मानिनि! इस रात
विनय-आदर का नहीं विधान,