{{KKRachna
|रचनाकार= चन्द्रकुंवर बर्त्वाल
|संग्रह=गीत माधवी / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल
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'''‘गीत-माधवी ’का इस संकलन में कवि की 160 छोटे गीत संकलित हैं। परिचय '''
यह संकलन जिसमें कवि की 160 छोटे गीत संकलित हैं। यह कवि की अंतिम रचना मानी जाती है । यह काव्य-कृति एक प्रकार से कवि के असफल प्रेम की गाथा है। किसी सँभ्राँत कुल की कन्या से जिसे वे प्रेम करते थे । कवि विवाह बंधन में नहीं बंध सका सके और असफल प्रेमी बनकर रह गया था। गए। उनके प्रेम की अतृप्त अभिलाषा उनके गीतों में मुखरित हो उठी है । उन्होंने इस संकलन के समर्पण -लेख में लिखा हैःहै :-‘दुःख के अकेले और अन्धकारपूर्ण दिनों में जब कि सब मित्रों ने मुझे छोड दिया था उस समय भी जिसका अडिग प्रेम, आशा का दीप बन कर मेरे सिरहाने दिपता रहा, मुझे प्रकाश देता रहा, प्राणें प्राणों से भी प्रिय उसी मित्र को गीत माधवी ‘हृदय गीत’ औ ‘मेध नंदिनी’ की यह तुच्छ भेंट सप्रेम अर्पित है।’ (अशोक कुमार शुक्ला द्वारा संकलित)है ।’
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